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" ख़ामोशी भी अक्सर पढ़ने को मोहताज होती है लेकिन

" ख़ामोशी भी अक्सर पढ़ने को मोहताज होती है 
लेकिन कभी कभार कोई मिलता है " 

अकेला हु  में  कोई साथी चाहिए... 
अपना हो कोई  बाराती नहीं चाहिए....
 लोगो को लगता हे में खामखा - खामोश रहता हू
 लेकिन कोई पूछे तो सही में क्या चाहता हु....

" नमी से मेरे दिल का फर्श गिला है  
दर्द बहुत है मगर अंदर है 
और
 उसपर मेरा चेहरा चमकीला है.. 
कोई जो एह्सास पढता हो...
 कोई जो धीमे से असल को गढ़ता हो... 
बस उसी का इंतज़ार हे "

©G0V!ND DHAkAD #khamoshiya
" ख़ामोशी भी अक्सर पढ़ने को मोहताज होती है 
लेकिन कभी कभार कोई मिलता है " 

अकेला हु  में  कोई साथी चाहिए... 
अपना हो कोई  बाराती नहीं चाहिए....
 लोगो को लगता हे में खामखा - खामोश रहता हू
 लेकिन कोई पूछे तो सही में क्या चाहता हु....

" नमी से मेरे दिल का फर्श गिला है  
दर्द बहुत है मगर अंदर है 
और
 उसपर मेरा चेहरा चमकीला है.. 
कोई जो एह्सास पढता हो...
 कोई जो धीमे से असल को गढ़ता हो... 
बस उसी का इंतज़ार हे "

©G0V!ND DHAkAD #khamoshiya