रह रह कर बहकते रहे हैं शराबी की तरह। बहुत बक रहे अभी दिमागी खराबी की तरह। अंदाजा है अवाम को चुनावी पतंगों का, छुपा रहे असल चहरा किसी खिजाबी की तरह। #बादल