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रह रह कर बहकते रहे हैं शराबी की तरह। बहुत बक रहे

रह रह कर बहकते रहे हैं शराबी की तरह।

बहुत बक रहे अभी दिमागी खराबी की तरह।

अंदाजा  है अवाम  को    चुनावी पतंगों का,

छुपा रहे असल चहरा किसी खिजाबी की तरह। #बादल
रह रह कर बहकते रहे हैं शराबी की तरह।

बहुत बक रहे अभी दिमागी खराबी की तरह।

अंदाजा  है अवाम  को    चुनावी पतंगों का,

छुपा रहे असल चहरा किसी खिजाबी की तरह। #बादल