हश्र मेरी शायरी का यूँ न कर, दिल की बातो को शब्दो से ब्या कर ईश्क का मुजरिम नही ना ईश्क मे तबाह कर लिखता बेशक हू अपने तमाम ख्याल कोई पढ़ करमेरी मेरी कहानी खुद टूट जाए हश्र मेरी शायरी का यू ना कर हश्र मेरी #शायरी का