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मैंने तेरे लिए, जब सोच लिया। उफ़ तक ना की, सब छोड़

मैंने तेरे लिए,
जब सोच लिया।
उफ़ तक ना की,
सब छोड़ दिया।।
इन सब में मेरे अधूरे  सपने,
मेरी उन्मुक्त मुस्कान,
मेरी अनकही भावनाएं।
और ना जाने कितनी चाहत।।
क्या मोल हैं तेरे नज़रों में,
उन टूटे सपनों की कोई।
मेरी खोई हुई मुस्कान की ,
या भावनाए जो दम तोड़ चुकी।
अब सोचूं क्यों सब छोड़ दिया,
उफ़ तक ना की,
क्यों सोच लिया,
मैंने तेरे लिए।
मैंने तेरे लिए।। #मैंने तेरे लिए.....
मैंने तेरे लिए,
जब सोच लिया।
उफ़ तक ना की,
सब छोड़ दिया।।
इन सब में मेरे अधूरे  सपने,
मेरी उन्मुक्त मुस्कान,
मेरी अनकही भावनाएं।
और ना जाने कितनी चाहत।।
क्या मोल हैं तेरे नज़रों में,
उन टूटे सपनों की कोई।
मेरी खोई हुई मुस्कान की ,
या भावनाए जो दम तोड़ चुकी।
अब सोचूं क्यों सब छोड़ दिया,
उफ़ तक ना की,
क्यों सोच लिया,
मैंने तेरे लिए।
मैंने तेरे लिए।। #मैंने तेरे लिए.....
pragyaamrit3519

Pragya Amrit

New Creator

#मैंने तेरे लिए.....