कलम को मेरी याद आजाये कभी अकेला मै रोये वह भी... गिरा दु लिथा था जो भी उसपे शाही फेक दुं.... क्या लिखु कुछ नहीं समज मे आये तो बस तेरे साथ रहुंं कागज और कलम मेरी साथ ही रहे हमेशा...... सुझने वाली पंक्तिया और ढुंढे शब्द कहा रखुं..... वक्त का गुन्हागार हुं खुद मै कक्त पर ही तुम्हे उठावु..... अलग ही पहचान बनेगी बस साथ रहों तुम...... ज्ञान का अधुरा हु हर दिन ही कुछ नया सीखा देता..... शब्दो से प्रयास जरा करता हुं नया कुछ करनेका..... शब्द तो कभी खुद मिलने आये मुझे नये..... बस बिठावु कहा उन्हे ...... कागज जरूर पुकारता उन्हे बस कलम नहीं माने.... कलम का खुद दिवाना हुं गिरे कहीं ढुंढता तुझे ही.... अपनाये कलम को कागज की मेहरबानी.... मिटने वाले शब्द क्यु लिखे कलम ...... साथ कागज की मै मेहरबान...... कुछ शब्द खुद तेरे लिये कलम उन्हे अपना ले..... नये होंगे जरूर तुने ही लिखे .... सच्चे शब्द ढुंढाकर ना भागने वाले, चुराने जाये कोई तो मतलब ही ना समजे.... 𝐎𝐏𝐄𝐍 𝐅𝐎𝐑 𝐂𝐎𝐋𝐋𝐀𝐁 എഴുത്താണി 𝐀𝐝𝐝 𝐘𝐨𝐮𝐫 𝐁𝐞𝐚𝐮𝐭𝐢𝐟𝐮𝐥 𝐓𝐡𝐨𝐮𝐠𝐡𝐭𝐬..... Please maintain our hashtag #എഴുത്താണി #എഴുത്താണി #നിങ്ങളുടെ_വരികൾക്കായ് #എഴുത്താണി_14072022