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White ये दिल बहाने क्यों ढूँढता भला सुकुन होती मय

White ये दिल बहाने क्यों ढूँढता भला

सुकुन होती मयस्सर तो गमजदा फसाने क्यों ढूँढता भला,
दे देते जो ये लब साथ, ख़ामोशी के तराने क्यों ढूँढता भला,

रख पाता जो मशग़ूल ख़ुदको कहीं और उसके जाने के बाद,
ज़माने के साथ चलता मैं, तन्हाई से याराने क्यों ढूँढता भला,

क्यों मिटाता फिरता किसीकी याद दिल-ओ-दिमाग से बेवज़ह,
भुला जो पाता उसे, तो कोई तस्वीर, सिरहाने क्यों ढूँढता भला,

नहीं थी ख़बर, दरिया-ए-इश्क़ के मामूली थपेड़े नागवार गुजरेंगे,
दूर ही रहता मैं, लहरों के किनारे, रेत में ठिकाने क्यों ढूँढता भला,

था नासमझ मैं ही जो किसी बेगाने से उम्मीद पाल ली “साकेत",
टूटना होता तो टूट ही गया होता दिल, ये बहाने क्यों ढूँढता भला।
 
  IG :— @my_pen_my_strength

©Saket Ranjan Shukla ये दिल बहाने क्यों ढूँढता भला..!
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✍🏻Saket Ranjan Shukla
All rights reserved©
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White ये दिल बहाने क्यों ढूँढता भला

सुकुन होती मयस्सर तो गमजदा फसाने क्यों ढूँढता भला,
दे देते जो ये लब साथ, ख़ामोशी के तराने क्यों ढूँढता भला,

रख पाता जो मशग़ूल ख़ुदको कहीं और उसके जाने के बाद,
ज़माने के साथ चलता मैं, तन्हाई से याराने क्यों ढूँढता भला,

क्यों मिटाता फिरता किसीकी याद दिल-ओ-दिमाग से बेवज़ह,
भुला जो पाता उसे, तो कोई तस्वीर, सिरहाने क्यों ढूँढता भला,

नहीं थी ख़बर, दरिया-ए-इश्क़ के मामूली थपेड़े नागवार गुजरेंगे,
दूर ही रहता मैं, लहरों के किनारे, रेत में ठिकाने क्यों ढूँढता भला,

था नासमझ मैं ही जो किसी बेगाने से उम्मीद पाल ली “साकेत",
टूटना होता तो टूट ही गया होता दिल, ये बहाने क्यों ढूँढता भला।
 
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