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होठों पर मुस्कान लिए आंखों से शर्मिंदगी बर्दाश्त क

होठों पर मुस्कान लिए आंखों से शर्मिंदगी बर्दाश्त करती है,
नाचने वाली भी कमाल करती है,
कोई उसके जिस्म को छूता है.. किसी पर हैवानियत सवार होती है,
कोई आंचल भी सरकाता है किसी की रूह भी नहीं घबराती है,
नाचने वाली भी कमाल करती है,

वो भी औरत है कोई खिलौना नहीं! ये भीड़ भूल जाती है,
इंसानों की इंसानियत भी उनमें नज़र नहीं आती है,
ना जाने कितना दर्द नज़र आता है उसकी आंखों में..
फिर भी ये भीड़ उसे नग्न करने में नहीं शर्माती है
नाचने वाली भी कमाल करती हैं,

मां, बहन, बेटी और पत्नी का फर्ज वही औरत निभाती है,
बनावट उनकी भी वैसी होती है.. जैसी नाचने वाली में नजर आती है,
हैवानियत का चोला उतारो और इंसानियत को चरितार्थ करो,
दुर्गा काली बहुत पूज चुके अब औरतों का सम्मान करो,
कोई मजबूरी खींच लाई होगी उसे आज बाजारों तक.. यू ना उसका अपमान करो,

खोलकर सारे कपड़े उसके.. जिस्म उसका तुमने.. सारा देख लिया,
कभी तो उसके मन को खोलो कभी तो उसके दर्द की पहचान करो,
कल को वो बेटी तुम्हारी भी हो सकती है यूं ना किसी का अपमान करो,
आज ये कहानी लिखकर भी मुझे शर्मिंदगी होती है
नाचने वाली भी कमाल करती है।

©Sushika Musafir #Hindi #you #She #SAD #BreakUp #Happy #Love #Shayar #Shayari 

#crimestory  Mona Singh quazi nooruddin Umair Aadil  Khem Raj Gn mehra Amit Raj  Dashing___Danish quazi nooruddin Umair Aadil  Khem Raj Gn mehra Amit Raj  Aman Tandan love love Anil kumar maurya The Voice Of Justice The Voice Of Justice  shivbramha ankit sahu  shilpigupta MUKHTAR ANSARI Marutishankar Udasi R Kotha
होठों पर मुस्कान लिए आंखों से शर्मिंदगी बर्दाश्त करती है,
नाचने वाली भी कमाल करती है,
कोई उसके जिस्म को छूता है.. किसी पर हैवानियत सवार होती है,
कोई आंचल भी सरकाता है किसी की रूह भी नहीं घबराती है,
नाचने वाली भी कमाल करती है,

वो भी औरत है कोई खिलौना नहीं! ये भीड़ भूल जाती है,
इंसानों की इंसानियत भी उनमें नज़र नहीं आती है,
ना जाने कितना दर्द नज़र आता है उसकी आंखों में..
फिर भी ये भीड़ उसे नग्न करने में नहीं शर्माती है
नाचने वाली भी कमाल करती हैं,

मां, बहन, बेटी और पत्नी का फर्ज वही औरत निभाती है,
बनावट उनकी भी वैसी होती है.. जैसी नाचने वाली में नजर आती है,
हैवानियत का चोला उतारो और इंसानियत को चरितार्थ करो,
दुर्गा काली बहुत पूज चुके अब औरतों का सम्मान करो,
कोई मजबूरी खींच लाई होगी उसे आज बाजारों तक.. यू ना उसका अपमान करो,

खोलकर सारे कपड़े उसके.. जिस्म उसका तुमने.. सारा देख लिया,
कभी तो उसके मन को खोलो कभी तो उसके दर्द की पहचान करो,
कल को वो बेटी तुम्हारी भी हो सकती है यूं ना किसी का अपमान करो,
आज ये कहानी लिखकर भी मुझे शर्मिंदगी होती है
नाचने वाली भी कमाल करती है।

©Sushika Musafir #Hindi #you #She #SAD #BreakUp #Happy #Love #Shayar #Shayari 

#crimestory  Mona Singh quazi nooruddin Umair Aadil  Khem Raj Gn mehra Amit Raj  Dashing___Danish quazi nooruddin Umair Aadil  Khem Raj Gn mehra Amit Raj  Aman Tandan love love Anil kumar maurya The Voice Of Justice The Voice Of Justice  shivbramha ankit sahu  shilpigupta MUKHTAR ANSARI Marutishankar Udasi R Kotha