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धड़कनें रूकी रूकी, हैं सांसें भी थमी थमी जिंदगी भी

धड़कनें रूकी रूकी, हैं सांसें भी थमी थमी
जिंदगी भी आस में ,है किसकी तालाश में
जम गया ये जिस्म है, क्यों रूह भी थकी थकी,
धुंधली सी याद में , मैं जी रही हूं काश में।।

**रिया ** #काश।
धड़कनें रूकी रूकी, हैं सांसें भी थमी थमी
जिंदगी भी आस में ,है किसकी तालाश में
जम गया ये जिस्म है, क्यों रूह भी थकी थकी,
धुंधली सी याद में , मैं जी रही हूं काश में।।

**रिया ** #काश।
arushiriya3421

arushi riya

New Creator

काश।