धड़कनें रूकी रूकी, हैं सांसें भी थमी थमी जिंदगी भी आस में ,है किसकी तालाश में जम गया ये जिस्म है, क्यों रूह भी थकी थकी, धुंधली सी याद में , मैं जी रही हूं काश में।। **रिया ** #काश।