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बस तुम्हारी मुस्कुराहट नहीं खोनी चाहिए.... शायद

बस तुम्हारी मुस्कुराहट नहीं खोनी चाहिए....

 शायद हर दिन ना गुजरे तुम्हारा अच्छा 
कभी हताश होकर थक भी जाओ तो क्या?
ख्वाबों वाले नैनों में कभी,
 आंसूओ भरी चमक भी तो होनी चाहिए....
बस तुम्हारी मुस्कुराहट नहीं खोनी चाहिए।

जरूरी तो नहीं हर मोड़ पर बाग आए!
हो मीठी गुप्तगु तुमसे और,
 फूल भी तुम्हारे लिए सजाएँ!
कभी तो कांटों से भी दोस्ती की बात होनी चाहिए....
बस तुम्हारी मुस्कुराहट नहीं खोनी चाहिए!

हो कभी खूबसूरत खिली धूप,
 या जुगनू से भरपूर रोशनी वाली रातें!
फिर भी कभी भीगने के लिए बनी तो है बरसाते।
ना हो महफिल सजी ठहाकों से तुम्हारी तो क्या?
 कभी तो अधेंरो मे खुद से भी ढेर सारी बातें होनी चाहिए....
 बस तुम्हारी मुस्कुराहट नहीं खोनी चाहिए।

✍️ प्रियदर्शिनी शर्मा

©Priyadarshini Sharma ✍️# darshini
बस तुम्हारी मुस्कुराहट नहीं खोनी चाहिए....

 शायद हर दिन ना गुजरे तुम्हारा अच्छा 
कभी हताश होकर थक भी जाओ तो क्या?
ख्वाबों वाले नैनों में कभी,
 आंसूओ भरी चमक भी तो होनी चाहिए....
बस तुम्हारी मुस्कुराहट नहीं खोनी चाहिए।

जरूरी तो नहीं हर मोड़ पर बाग आए!
हो मीठी गुप्तगु तुमसे और,
 फूल भी तुम्हारे लिए सजाएँ!
कभी तो कांटों से भी दोस्ती की बात होनी चाहिए....
बस तुम्हारी मुस्कुराहट नहीं खोनी चाहिए!

हो कभी खूबसूरत खिली धूप,
 या जुगनू से भरपूर रोशनी वाली रातें!
फिर भी कभी भीगने के लिए बनी तो है बरसाते।
ना हो महफिल सजी ठहाकों से तुम्हारी तो क्या?
 कभी तो अधेंरो मे खुद से भी ढेर सारी बातें होनी चाहिए....
 बस तुम्हारी मुस्कुराहट नहीं खोनी चाहिए।

✍️ प्रियदर्शिनी शर्मा

©Priyadarshini Sharma ✍️# darshini