रुका सिलसिला दर्दे दिल का अश्क से बह जाता है, मोतियों सी बहते अश्कों को कोई समझ न पाता है । दिल को न समझने वाला मुहब्बत में धोखा खाता है , यह दर्द मुहब्बत का न रह पाता है न कह पाता है । #दर्दे_दिल