"हिमांश" उन्हें नज़रो-नज़रो में इश्क़ क्या हुआ, साहिब तो महफ़िल को जगाना ही भूल गए॥ (नाश-ए-इश्क़) ©Himanshu Tomar #महफ़िल #नाश #इश्क़ #नज़रों