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फ़िदा हूँ तुझपे, कुछ इस कदर के, भूल चुका हूंँ खुद


फ़िदा हूँ तुझपे,
कुछ इस कदर के,
भूल चुका हूंँ खुद को,
इस दुनिया के सामने।

ना सुबह का पता,
ना शाम का पता,
ज़हन में है तो सिर्फ,
तेरा ही पता।

तेरे एहसास कुछ इस कदर,
छू गए दिल को, 
के तेरे सामने कायनात की सारी चीजें, 
लगती है अब तुच्छ मुझे। 

फ़िदा हूँ तुझपे तो कभी तो, 
करूँगा इज़हार अपने प्यार का, 
तब इन्कार मत करना, 
मेरे दिल के अल्फाजों का। 

-Nitesh Prajapati  ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1020 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊

♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा।

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।

फ़िदा हूँ तुझपे,
कुछ इस कदर के,
भूल चुका हूंँ खुद को,
इस दुनिया के सामने।

ना सुबह का पता,
ना शाम का पता,
ज़हन में है तो सिर्फ,
तेरा ही पता।

तेरे एहसास कुछ इस कदर,
छू गए दिल को, 
के तेरे सामने कायनात की सारी चीजें, 
लगती है अब तुच्छ मुझे। 

फ़िदा हूँ तुझपे तो कभी तो, 
करूँगा इज़हार अपने प्यार का, 
तब इन्कार मत करना, 
मेरे दिल के अल्फाजों का। 

-Nitesh Prajapati  ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1020 #collabwithकोराकाग़ज़

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