यूं तो यादों का भी बड़ा सहारा होता है, लेकिन कुछ यादें मन पर इतना भारी हो जाती हैं कि उनसे जुड़ी हुई हर जगह से रिश्ते तोड़ देने का मन करता है यादों का यही उधेड़बुन जब मस्तिष्क पटल पर हावी होने लगता है तो लोगों के मन में आत्महत्या जैसे विचार उत्पन्न होने लगते हैं #आत्महत्या - अंकुर गोस्वामी