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मैं लिखती हूँ। मन खोलकर अपना रखती हूँ। कुछ अटपटा,क

मैं लिखती हूँ।
मन खोलकर अपना रखती हूँ।
कुछ अटपटा,कुछ चटपटा।
पर चाहती नहीं,लिखना घिसापिटा।। #मैं मेरी मर्जी
मैं लिखती हूँ।
मन खोलकर अपना रखती हूँ।
कुछ अटपटा,कुछ चटपटा।
पर चाहती नहीं,लिखना घिसापिटा।। #मैं मेरी मर्जी
ashagiri4131

Asha Giri

New Creator