मुझमें छुपी हुई हो,मिलती कहीं नहीं हो एक बूंद सी तुम,बारिश सा मैं कुछ हासिल कहां हुआ है,लड़कर अहसासों से कभी पुरानी आदत सी तुम,माहिर सा मैं लिख पाना अब तुम्हें,मुमकिन हैं कहाँ इबादत सी तुम,काफ़िर सा मै... © abhishek trehan #रातरानी#तुलसी#मंत्रमुग्ध_महक #लुभावनी_सुगंध#yquotes #yqdidi #collabcommunity✍️✍️ #YourQuoteAndMine Collaborating with Roopali Trehan