जो हसरतें थी वो पल में टूट गईं। उम्मीदें भी सारी की सारी टूट गईं। न मीत न बचे किनारे । केवल पतझड़ न बहार आई।न सहारे पुरजोर कोशिशें की किस्मत ने की बेवफाई। वरना न टूटता दिल होती न इतनी रुस्वावाई। आरजू अधूरी रह गई निकला सनम हरजाई। जिंदगी कितनी अजीब कोई नहीं करीब हालात बिगड़े तन्हाई। शायर:- शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी तन्हाई