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इन झुकती निगाहों से तुम, क्या ख़ूब क़हर ढाती हो। मेर

इन झुकती निगाहों से तुम, क्या ख़ूब क़हर ढाती हो।
मेरी जान लबों से हाँ कह दो, क्यूँ मुझे तड़पाती हो। ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :) 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की। 

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
इन झुकती निगाहों से तुम, क्या ख़ूब क़हर ढाती हो।
मेरी जान लबों से हाँ कह दो, क्यूँ मुझे तड़पाती हो। ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :) 

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