.........अभिव्यक्ति........ . तुम्हारे अश्को के मोतियो में ,मेरी मोहब्बत अमर हुई हैं फिर से जो तु आ जाए , मेरी धड़कन धड़क रही हैं | तुम्हारे अश्को के .......... तुम्हारे संग गुजरे पलो में , न जाने कितने दर्द पड़े हैं आज जो तु आबाद है ,न जाने कितने बर्बाद पड़े हैं | तु ज़हा भी हो इस जहां में ,बस आस एक बनी हुई हैं तुम्हारे अश्को के .......... ख्वाबो की इस महफिल में ,किरदार कितने बैठ पड़े हैं सपनो की इस झड़ी में , हकदार कितने बैठ पड़े हैं | फिर दुनिया को है ये बताना,दर्द दिलों में पड़ी हुई हैं तुम्हारे अश्को के .......... जीते जी इस कड़ी में ,ज़िन्दगी बंजर सी हो पड़ी हैं बेइन्तहां मोहब्बत में , आसो का आस सो पड़ी हैं| देखेगा दुनिया इस पागलपन को,दिल में जो आग सुलगी हुई हैं तुम्हारे अश्को के .......... #### मुकेश ओझा #### love effect