मन से जो स्वीकार लिया वो सुख है, मन ने जो अस्वीकार दिया दुःख बन गया जो मिला है उसमें एन्जोय कर लें तो एंजियोग्राफी की जरूरत नहीं पड़ेगी दोस्तों ©PREM KANWAR BHATI स्वीकृति से स्वास्थ्य