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मन और तन थक चुका घर पहुँचते-पहुँचते शरीर तो पहुंच

मन और तन थक चुका 
घर पहुँचते-पहुँचते
शरीर तो पहुंच गया घर
रुक गया मन कहीं पीछे
बैठ गया वहीं पर कहीं
उधेड़बुन में अगले दिन की
क्या छूटा क्या रह गया       (मुनेश शर्मा)
क्या पूरा करना है कल
कैसे सुधरे आज का बिगड़ा
कल को कैसे करे अच्छा
सोचता बैठा मन कहीं
बात जो कही उसने
क्या मतलब उसका
क्यूं ना जवाब बना मुझसे
कैसे कर दिया मैंने ऐसे
क्यूँ कह दिया उसने मुझसे ऐसा
जवाब दूँगा मैं उसका ज़रूर
निकाल दूँगा भड़ास अपनी
कर लूँगा "हल्का मन" अपना
इसी सोच में और थक जाता 
"थका मन"...
शरीर तो पहुँच जाता घर
रह जाता मन कहीं दूर पीछे वहीं...!

मुनेश शर्मा
(मेरी✍️)🌈🌈🌈🌈









 घर हमारा ही होता है लेकिन यहाँ तक पहुँचना भी हमारे लिए मुश्किल हो जाता है, क्योंकि घर  पर हमारा शरीर तो पहुँच जाता है, मन बाहर ही भटकता रहता है।
#घरपहुँचते #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
मन और तन थक चुका 
घर पहुँचते-पहुँचते
शरीर तो पहुंच गया घर
रुक गया मन कहीं पीछे
बैठ गया वहीं पर कहीं
उधेड़बुन में अगले दिन की
क्या छूटा क्या रह गया       (मुनेश शर्मा)
क्या पूरा करना है कल
कैसे सुधरे आज का बिगड़ा
कल को कैसे करे अच्छा
सोचता बैठा मन कहीं
बात जो कही उसने
क्या मतलब उसका
क्यूं ना जवाब बना मुझसे
कैसे कर दिया मैंने ऐसे
क्यूँ कह दिया उसने मुझसे ऐसा
जवाब दूँगा मैं उसका ज़रूर
निकाल दूँगा भड़ास अपनी
कर लूँगा "हल्का मन" अपना
इसी सोच में और थक जाता 
"थका मन"...
शरीर तो पहुँच जाता घर
रह जाता मन कहीं दूर पीछे वहीं...!

मुनेश शर्मा
(मेरी✍️)🌈🌈🌈🌈









 घर हमारा ही होता है लेकिन यहाँ तक पहुँचना भी हमारे लिए मुश्किल हो जाता है, क्योंकि घर  पर हमारा शरीर तो पहुँच जाता है, मन बाहर ही भटकता रहता है।
#घरपहुँचते #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi

घर हमारा ही होता है लेकिन यहाँ तक पहुँचना भी हमारे लिए मुश्किल हो जाता है, क्योंकि घर पर हमारा शरीर तो पहुँच जाता है, मन बाहर ही भटकता रहता है। #घरपहुँचते #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi