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पहली पहर मे... जैसे खूबसूरत लगती फूलो पे बसी ओस ह

पहली पहर मे... 
जैसे खूबसूरत लगती फूलो पे बसी ओस हैं,
मेरे दिल पे तुम्हारा बस इतनासा बोझ हैं,
जैसे तुम्हारे तिल का,
बाई आंख की... निचली पलको करीब,
या उतना ही वजनी.. जैसे तुम्हारे माथे पर मेरे लबो का बोसा।

मेरी ये बातें सिर्फ सुनने में ही अच्छी लगेगी,
मेरी ये बातें सिर्फ सुनने में ही अच्छी लगेगी,
पर देखा जाए तो इनका कोई अर्थ नही,
जैसे मेरी ज़िंदगी का तुम्हारे बिना। #nojoto #poet #poem #love
पहली पहर मे... 
जैसे खूबसूरत लगती फूलो पे बसी ओस हैं,
मेरे दिल पे तुम्हारा बस इतनासा बोझ हैं,
जैसे तुम्हारे तिल का,
बाई आंख की... निचली पलको करीब,
या उतना ही वजनी.. जैसे तुम्हारे माथे पर मेरे लबो का बोसा।

मेरी ये बातें सिर्फ सुनने में ही अच्छी लगेगी,
मेरी ये बातें सिर्फ सुनने में ही अच्छी लगेगी,
पर देखा जाए तो इनका कोई अर्थ नही,
जैसे मेरी ज़िंदगी का तुम्हारे बिना। #nojoto #poet #poem #love
rajvin3581752809058

RajVin

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