यूँ तो जाते हुए मैंने उसे रोका भी नहीं प्यार उससे न रहा मुझे ऐसा भी नहीं या रब मुझको मंज़िल की कोई फ़िक्र भी नहीं पर भटकता रहूँ जिस राह पर वह रास्ता भी नहीं मुन्तज़िर उसका किसी शाम में, मैं था भी नहीं और वादे पर कभी शख्स वह आया भी नहीं जिसकी आहट से निकल पड़ता था दिल सीने से देख कर आज उसे मेरा दिल धड़का भी नहीं ©KaviRp #pyaar #manzil #rah #shyam #waade #dil #dhadka #ahat Please Like Share Comments Follow me ©KaviRp