{Bolo Ji Radhey Radhey}
भगवान श्री कृष्ण जी के नाम :- के जप से भी परमात्मा की प्राप्ति हो जाती है, नाम के जप से सारे पापों का नाश हो जाता है, नाम के जप से परमात्मा के स्वरूप का ज्ञान हो जाता है, नाम के जप से भगवान् उसके वश में हो जाते हैं, नाम के जप से उसकी आत्मा का उद्धार हो जाता है। तो सारी बात नाम के जप से हो जाती है, तो इसलिये समझो कि यदि ध्यान न लगे, तो भगवान् के नाम का निरंतर जप ही करना चाहिये।
सुमिरिअ नाम रूप बिनु देखे, सुमरिअ नाम रूप बिनु देखे। होत हृदयँ सनेह विसेषें, होत हृदयँ सनेह विसेषें । भगवान् श्री कृष्ण जी के नाम का सुमरन करना चाहिये, ध्यान के बिना भी तो भगवान् के वहां विशेष प्रेम हो जाता है, प्रेम होने से भगवान् मिल जाते हैं। हरि ब्यापक सर्वत्र समाना, हरि ब्यापक सर्वत्र समाना। प्रेमते प्रगट होहिं मैं जाना॥ प्रेमते प्रगट होहिं मैं जाना॥ हरि सब जगहमें सम भाव से विराजमान हैं, और वे प्रेम से प्रकट होते हैं, शिवजी कहते हैं, इस बात को मैं जानता हूँ। #पौराणिककथा