करुणा से नाता जोड़ा तो प्रेम भाव का आभास हुआ। प्रेम की मिठास में मिली मैं त्याग और समर्पण से। त्याग वो जो निःस्वार्थ प्रेम की परिभाषा समझा गया और समर्पण वो जो भरोसा करना सीखा गया। जीव मात्र का उद्देश्य, जीवित होने का सत्य ,जीवन का सार इन चार शब्दों में सिमट जाता है - करुणा, प्रेम, त्याग और समर्पण| #करुणा #प्रेम #त्याग #समर्पण #निःस्वार्थ_प्रेम #yqbaba #yqdidi