हाँ हुजूरी की उमर, लंबी नहीं होती सरल, इस लिए ईमान को ना,बेवजह यूं बेंचिए ll काम क्या है आप का, इंसानियत के दौर में, आप भी इंसान होकर, आप ही ये सोचिए ll ©aakashsaral Aakash saral #poetry