गुज़र रहा है कारवां हर तरफ़ से मैं तो अब भी उसी मोड़ पर खड़ा हूं लौट आने का वादा मुसाफ़िर कर गया था मैं उसी यकीन पर अभी भी अड़ा हूं #घरवापसी सुभ रात्रि