कड कड कड कड गरजे अम्बर थरथर कापी धरती रे मात्र उनके दहाड़ से देखो काल चक्र भी स्थगित हुए। क्रोधाग्नि से जिनके,ब्रम्हांड ये कंपे षडरिपु भी जलकर भस्म हुए त्रिलोकी पालनहार जगत के, भक्तोद्धार करने आये है। धड़धड़ धड़धड़ भड़की ज्वाला संतप्त आग बबूला रे अन्याय का करने परम संघार अवतीर्ण देखो नरसिह अवतार हुए। कड कड कड कड गरजे अम्बर थरथर कापी धरती रे मात्र उनके दहाड़ से देखो काल चक्र भी स्थगित हुए। क्रोधाग्नि से जिनके,ब्रम्हांड ये कंपे षडरिपु भी जलकर भस्म हुए त्रिलोकी पालनहार जगत के, भक्तोद्धार करने आये है।