करीब और करीब तुम मेरे, आओ न संवाद नहीं तो कोई गीत, गुनगुनाओ न ये रात युहीं कट जाएगी होठों पे तुम्हारे सर्द आ गई है कुछ बात आगे, बढ़ाओ न साँसों की डोर टूट रही न जाने कब से इस प्यासे को नदी की राह ,दिखाओ न नहीं आता मुझे पढना प्रेम-अग्न प्रिय आलिंगन में मुझे थोड़ा तो ,सिखाओ न कसम से ये ग़जल़ कामिल हो जाएगी होठों से एक बार तुम इसे पढ़, जाओ न तकता रहूँगा उम्रभर युहीं एक टक तुम्हें तुम खुले बाल में काली बिंदी तो, लगाओ न #romanticism #mylove #myfeelings #mythought #kunu #yqdidi #yqbaba #love