Nojoto: Largest Storytelling Platform

0 और 1 1 अकेला था। फिर भी उसकी कीमत थी। अ

0 और 1

        1 अकेला था। फिर भी उसकी कीमत थी। अकेला था अलबेला था। एक दिन उसकी मुलाकात 0 से हुई। दोनों एकसाथ रहने लगे। 1 ने उसे अपने दाईं ओर रख लिया। इस तरह से 1और 0 मिलकर 10 बन गए । जहाँ भी जाते उनकी कीमत दस गुणी हो गई थी। 0 को लगा कि अरे वाह! मेरे आने से 1 की कीमत दस गुनी हो गई है। मैं तो किसी को भी दस गुणा बना सकता हूं। वह 1 से झगड़ने लगा। कहा कि मेरे कारण तुम्हारी वैल्यू दस गुणा हुआ है। मुझे अब तेरे साथ नहीं रहना। मैं अब किसी और के पास जाऊंगा और तुमसे ज्यादा महत्व पाऊंगा। 1 ने 0 को बहुत समझाया परंतु 0 ने नहीं माना। वह 1 को छोड़कर चला गया। बेचारा 1 पहले जैसा अकेला -अलबेला हो गया।  अब 0 गया 2 के पास और बोला मुझे अपने साथ रख लो। मैं किसी को भी दस गुणा कर देता हूं। 2 बोला अच्छा? ऐसा है? देखता हूं। उसने 0 को अपनी बाईं तरफ रखा। 02 बन गया। 2 पूछा कि अब बता कितना वैल्यू बढ़ा? कुछ नहीं। 0 बोला मुझे दाईं तरफ़ रखो। 2 बोला मैं किसी को भी अपने बाईं तरफ़ ही रखता हूं और मेरी वैल्यू बढ़ जाती है। कहा चलो मेरे साथ। 2 ने 3 से मिला। कहा मेरी बाईं ओर आओ। 3 , 2 के बाईं तरफ़ आया। इस तरह से 32 बन गया। 2 बोला देखा बाईं तरफ रखने से फायदा? मैं बाईं तरफ रखकर 16 गुणा हो जाता हूं और तुम तो दस गुणा ही बना पाते हो। और तुमको रखने से क्या फायदा? अगर मैं 3 को अपने दाईं ओर भी रखूँ तो भी तुमसे ज्यादा वैल्यू होगी। अब देखो 23 जो कि तुम्हारे साथ रहने पर 20 से 3 ज्यादा है। तुम तो बाईं तरफ़ निर्मूल्य हो। तुम्हारी तो अपनी कोई वैल्यू ही नहीं। एक 1 था जो तुमको साथ रख रखा था। तुम्हारा कोई भरोसा नहीं। कल तुम मुझे छोड़कर किसी और के पास भाग सकते हो। 
" जा कहीं और जा" कहकर भगा दिया।

       0 मायूस , उदास होकर चला आया। अब उसकी हिम्मत भी नहीं थी कि 1 के पास वापस जाये क्योंकि उसने एक (1)को धोखा दिया था। 0 को अपने किए पर पछतावा हो रहा था...

©Subant Kumar dangi(Poet, Writer)
  #story  0  and 1