फर्क नहीं पड़ता कुछ भी मन बना लिया है, धोखा देने को महफ़िल बुला लिया है, दिखाने के लिए खुल के मुस्कुरा लिए थे, की लोगो की ना दिखे अपने आंसू छुपा लिए थे। अब सच कहूं बस हसने का बहाना ढूंढता हूं, लोगों की खामोशी में रंग भरना चाहता हूं, झूठ का ढिंढोरा पीट सच छुपा लिए है, की लोगो को सच ना लगे अपने आंसू छुपा लिए थे। बनावटी रंग का बेरंग तोहफा मिलता है कई बार, कई बार मन होजाता है सपनों पे सवार, खुश होने को हकीकत से नजरें चुरा लिए है, की लोग भ्रम में रहे हमने अपने आंसू छुपा लिए थे। मन की गाठें अब अच्छे से खुल गई है, अपने लकीरें शायद सपनों से घिस गई है, में खुश होकर लोगो के साथ जश्न कर लिया है, कोई रो ना सके अपने आंसू छुपा लिए थे। उस दिन मैंने आँसू छुपा लिए थे। #आँसूछुपालिए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi