तुम्हारे लिए मेरा प्यार चुप चाप गुम्सुम होठों पे आई मुस्कान की तरह ही तो है... जो खामोश है..मगर जिंदा है... तुम्हारे लिए मेरा प्यार किताबों मे दबे उन गुलाबों की तरह ही तो है.. जिनके निशान सूखने क बाद भी जिंदा हैं. तुम्हारे लिए मेरा प्यार, समंदर किनारे उस रेत पे, छपे हुए पावं के निशान है, जो तब तक नही मिटेंगे , जब तक कोई बेरहम लहर, वक़्त की दीवार लाँघ कर आ ना जाए.. तुम्हारे लिए मेरा प्यार, उस बची हुई आख़िरी सिगरेट जैसा ही है.. जानता हू एक दिन हाथ से चली जाओगी तुम धुँआ धुँआ होकर... मगर तब तक नही छोड़ सकता तुम्हे जब तक मेरी उंगलियाँ जल ना जाए... Tumhare Liye mera pyaar !!!