Nojoto: Largest Storytelling Platform

छिपकली घरों की दीवारों पर रेंगती कीड़े , पतंगे खा

छिपकली 
घरों की दीवारों पर रेंगती 
कीड़े , पतंगे खाती रहती 
कभी दिखती रहती
जरा सी आहट होने पर  
यकायक छुप जाती 

छिपकली 
जब भी देखता उसे ,
कभी घृणा या डर से
विशालकाय विलुप्त 
डायनासोर के रुप सी 
लगती है छोटी प्रतिकृति 
छिपकली 

दीवारों पर शांत चित्त 
दिखती है जो कभी 
जहरीले पन से है भरी 
मौके पर झपट्टा मारती है 
छिपकली

 ये जहर और झपट्टा
आदमी की भी है फितरत 
ये कहाँ से सीखी ,जब 
आदमी के घर मे रहती है 
छिपकली 

आदमी और इसका 
रिश्ता है पुराना ,
कौन किससे सीखा है 
उलझन है बरकरार 
गुरु है या शिष्य 
छिपकली

मौजूद रहता है अब  आदमी 
हर जगह ,शिकार को बेताब 
ये पहले भी अब भी 
वही  दीवारों पर ही है 
छिपकली


मुकेशपुरी गोस्वामी

©Mukesh Puri Goswami छिपकली
#reading
छिपकली 
घरों की दीवारों पर रेंगती 
कीड़े , पतंगे खाती रहती 
कभी दिखती रहती
जरा सी आहट होने पर  
यकायक छुप जाती 

छिपकली 
जब भी देखता उसे ,
कभी घृणा या डर से
विशालकाय विलुप्त 
डायनासोर के रुप सी 
लगती है छोटी प्रतिकृति 
छिपकली 

दीवारों पर शांत चित्त 
दिखती है जो कभी 
जहरीले पन से है भरी 
मौके पर झपट्टा मारती है 
छिपकली

 ये जहर और झपट्टा
आदमी की भी है फितरत 
ये कहाँ से सीखी ,जब 
आदमी के घर मे रहती है 
छिपकली 

आदमी और इसका 
रिश्ता है पुराना ,
कौन किससे सीखा है 
उलझन है बरकरार 
गुरु है या शिष्य 
छिपकली

मौजूद रहता है अब  आदमी 
हर जगह ,शिकार को बेताब 
ये पहले भी अब भी 
वही  दीवारों पर ही है 
छिपकली


मुकेशपुरी गोस्वामी

©Mukesh Puri Goswami छिपकली
#reading