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प्रिय, आप सभी जिन परीक्षार्थियो का रिजल्ट आने वा

प्रिय,


आप सभी जिन परीक्षार्थियो का रिजल्ट आने वाला है, 
जो परिक्षा में उत्तीर्ण हो जायेंगे उन सभी को उनके भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं,
और जो फेल हो जाएं उनको एक सीख, 

दोस्त ये पास फेल बस नंबर्स हैं, 
तुम बस इन नंबर्स के वजह से कोई गलत कदम मत उठा लेना, 
न ही आत्महत्या जैसी कोई कोशिश करना।

दोस्त ये बस भ्रम है, और एक आपकी जिंदगी में आया बस एक छोटा सा पड़ाव,
जब आप इससे आगे निकलकर ज़िंदगी जीना शुरू करोगे तो पता चलेगा, 
जिंदगी उन चंद नंबर्स की मोहताज नहीं है,और उससे बहुत ही कठिन है।

कई बार आप टूटोगे, टूट कर बिखरोगे, कोई साथ नहीं होगा, 
तुम्हें भीड़ भी डराएगी और अकेलापन काटने को दौड़ेगा,
 तुम बस अपनी बात किसी से कहना चाहोगे और सुनने वाला कोई नहीं होगा, 
सपने दौड़ाएंगे तुम्हें, 
राह कभी न खत्म होने वाली सफ़र और धुंधली मंज़िल की तरफ का बस एक इशारा होगा। 
खुद को ख़ुद से समेटना होगा, 
हर रोज़ मौत को जीयोगे मगर ज़िंदगी नसीब नहीं होगी।

तब तुम्हें आज की ये हार, ये चंद नंबर्स बेमानी लगेंगे, 
तो इस छोटे से पड़ाव को ज्यादा महत्व ना दो, 
तैयारी करो उस दर्द की, उस पीड़ा को सहने की।

और कभी हार ना मानने की ज़िद पालो।
मरना तो बस देह रूपी वस्त्र त्यागना है, आत्मीय पीड़ा, दर्द, कभी नहीं मरती, 
वो हमेशा जिंदा रहती है, यहीं हमारे चारों ओर इसी प्रकृति में........।।








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©Vivek Sharma Bhardwaj #प्रिय
प्रिय,


आप सभी जिन परीक्षार्थियो का रिजल्ट आने वाला है, 
जो परिक्षा में उत्तीर्ण हो जायेंगे उन सभी को उनके भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं,
और जो फेल हो जाएं उनको एक सीख, 

दोस्त ये पास फेल बस नंबर्स हैं, 
तुम बस इन नंबर्स के वजह से कोई गलत कदम मत उठा लेना, 
न ही आत्महत्या जैसी कोई कोशिश करना।

दोस्त ये बस भ्रम है, और एक आपकी जिंदगी में आया बस एक छोटा सा पड़ाव,
जब आप इससे आगे निकलकर ज़िंदगी जीना शुरू करोगे तो पता चलेगा, 
जिंदगी उन चंद नंबर्स की मोहताज नहीं है,और उससे बहुत ही कठिन है।

कई बार आप टूटोगे, टूट कर बिखरोगे, कोई साथ नहीं होगा, 
तुम्हें भीड़ भी डराएगी और अकेलापन काटने को दौड़ेगा,
 तुम बस अपनी बात किसी से कहना चाहोगे और सुनने वाला कोई नहीं होगा, 
सपने दौड़ाएंगे तुम्हें, 
राह कभी न खत्म होने वाली सफ़र और धुंधली मंज़िल की तरफ का बस एक इशारा होगा। 
खुद को ख़ुद से समेटना होगा, 
हर रोज़ मौत को जीयोगे मगर ज़िंदगी नसीब नहीं होगी।

तब तुम्हें आज की ये हार, ये चंद नंबर्स बेमानी लगेंगे, 
तो इस छोटे से पड़ाव को ज्यादा महत्व ना दो, 
तैयारी करो उस दर्द की, उस पीड़ा को सहने की।

और कभी हार ना मानने की ज़िद पालो।
मरना तो बस देह रूपी वस्त्र त्यागना है, आत्मीय पीड़ा, दर्द, कभी नहीं मरती, 
वो हमेशा जिंदा रहती है, यहीं हमारे चारों ओर इसी प्रकृति में........।।








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©Vivek Sharma Bhardwaj #प्रिय