नज़र कहाँ है तेरी सोच क्या है तेरी नाव है मँझधार में गहरा है पानी होंसले को थाम अपने साहस को आज़मा अपने ले पतवार हाथ तू रास्ता बना अपना पार लगा नैया अपनी पा ले किनारा अपना...! मुनेश शर्मा मेरी✍️🌈🌈🌈 सुप्रभात। भवसागर से पार उतरने के लिए नाव भी मज़बूत चाहिए और हौसला भी। #मंझधार #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi