वो आसमान का तारा था जीवन से ज्यादा प्यारा था वो टूट गया अंबर से अपने हम समझे वो हमारा था किस्मत तो देखो तारे की जो अपनों से ही छूटा था सब दुवा थे उससे मांग रहे जो खुद मन से ही टूटा था ©Aparichit Kavi टूटा तारा #अपरिचित_कवि #Aparichit_kavi #WorldAsteroidDay Praveen Jain "पल्लव"