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.. वो खुशबू की तरह मुझ में समाई रहती है आगोश में

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वो खुशबू की तरह मुझ में समाई रहती है
आगोश में लेने के लिए जब मैं तड़पता हूं

न जाने कहां ओझल हो जाती है,
क्या मेरा ब्रह्मांड प्यासा ही रहेगा?

#मंमाधन

©brijesh mehta
  वो खुशबू की तरह मुझ में समाई रहती है
आगोश में लेने के लिए जब मैं तड़पता हूं

न जाने कहां ओझल हो जाती है,
क्या मेरा ब्रह्मांड प्यासा ही रहेगा?

#मंमाधन

वो खुशबू की तरह मुझ में समाई रहती है आगोश में लेने के लिए जब मैं तड़पता हूं न जाने कहां ओझल हो जाती है, क्या मेरा ब्रह्मांड प्यासा ही रहेगा? #मंमाधन #Love

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