ऐसा नही की उस समय मेरे पास कोई जवाब नही था तुम्हारे सवाल का तुम्हारे नफरतों का पर सायद तुम मेरी खामोशी को भी नही समझ पाई , माना हमारे रिश्तों में कम हुई मिठास कभी नही बढ़ पाई पर हमारे इस रिश्ते को भी तुम काश समझ पाती । तुम्हारे बिन हर रात मुश्किल से कटती इन रातो की बात काश तुम समझ पाती कितनी मुहब्बत है तुमसे ये अब बताई नही जाती पर काश मेरी तड़प को तुमने जाना होता इन आँसुओ की कीमत को पहचाना होता । मुझे कर के अकेला तुम यूँ छोर न जाती गर तुम मेरी बेपनाह मोहब्बत को समझ पाती अपनी नफरत को थोड़ा रोक कर जरा मेरी आँखों मे झाँक कर मेरी मोहब्बत मेरी तड़प को काश तुम देख पाती । ऐसा नहीं कि हमें बोलना नहीं आता। बस कुछ सोचकर, बोले नहीं। #कुछसोचकर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi