दरख़्त सारे देख नजारा, एकाएक घबरा गए रूखे, सूखे, बूढ़े सभी आपस में बतिया रहे उनकी सासें जब होती थी, इंसानों की सासें भी ऑक्सीजन की कमी सुनी तो शहीद दरख़्त भी जाग गए कोपल, फुलवारी, नन्हे पौधे कहे कि चलो लड़ते है सब इंसानों को छोड़ बाकी संघर्ष में अब तक जूझ रहे ©Swechha S दरख़्त सारे देख नजारा, एकाएक घबरा गए #11May #IndiaFightsCorona