तेरा एहसास कुछ इस तरहा से मुझमें बस रहा हैं, दिल-ओ-दिमाग मे एक नशा सा चर रहा हो जैसे। तेरी खुश्बू मेरी सांसों मे बसि हैं कुछ इस क़दर, सहराओं को भि तेरी खुश्बू महका रही हों जैसे। हूं माधोष तेरे ज़िस्म की तपिश मे ऐसे, मेरी हर नवस ले रही हो तेरा नाम जैसे। © sidrahmed #coldnights #nightmemories #thought #Shayari #lovequotes #Loneliness #poem #longform