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रूढ़िवादिता (चिंतन) लेख 👇🏻कैप्शन में पढ़े। रूढ़िवाद

रूढ़िवादिता (चिंतन)
लेख 👇🏻कैप्शन में पढ़े। रूढ़िवादिता को समझने के लिए हमें सर्वप्रथम रूढ़िवाद का अर्थ समझना होगा, रूढ़िवाद का अर्थ है की "पुरातन काल से चली आ रही परंपरागत बातों को मानने का सिद्धांत"।

अवधारणा के रूप में ‘‘रूढ़िवाद‘‘ का प्रयोग सर्वप्रथम 1910-1915 में किया गया था, जब अज्ञात लेखकों ने साहित्य के 12 खण्ड प्रकाशित किए जो ‘‘फंडामेंटल्स‘‘ कहलाए। 

गांधीजी ने एक बार कहा था कि 
“अपने घर के खिड़की-दरवाजे कसकर बंद मत रखो, उन्हें उतना स्थान दो कि उनसे ताजी हवा आ सके।” 
यहाँ गांधी जी का अभिप्राय दरअसल परंपरा और आधुनिकता में समन्वय स्थापित करने का था। गांधी चाहते थे कि हम अपने पारंपरिक मूल्यों, प्रथाओं और विश्वासों के महत्त्व को तो समझें ही, पर साथ ही अपने मन के दरवाज़े बाहर से आने वाले नवीन ज्ञान के लिये भी खोल कर रखें।
रूढ़िवादिता (चिंतन)
लेख 👇🏻कैप्शन में पढ़े। रूढ़िवादिता को समझने के लिए हमें सर्वप्रथम रूढ़िवाद का अर्थ समझना होगा, रूढ़िवाद का अर्थ है की "पुरातन काल से चली आ रही परंपरागत बातों को मानने का सिद्धांत"।

अवधारणा के रूप में ‘‘रूढ़िवाद‘‘ का प्रयोग सर्वप्रथम 1910-1915 में किया गया था, जब अज्ञात लेखकों ने साहित्य के 12 खण्ड प्रकाशित किए जो ‘‘फंडामेंटल्स‘‘ कहलाए। 

गांधीजी ने एक बार कहा था कि 
“अपने घर के खिड़की-दरवाजे कसकर बंद मत रखो, उन्हें उतना स्थान दो कि उनसे ताजी हवा आ सके।” 
यहाँ गांधी जी का अभिप्राय दरअसल परंपरा और आधुनिकता में समन्वय स्थापित करने का था। गांधी चाहते थे कि हम अपने पारंपरिक मूल्यों, प्रथाओं और विश्वासों के महत्त्व को तो समझें ही, पर साथ ही अपने मन के दरवाज़े बाहर से आने वाले नवीन ज्ञान के लिये भी खोल कर रखें।