इस कदर पयाऱ की बारीश हौ की जल थल हो जाऊ, तुम घटा बन कर चले आऔ मैं बादल बन जऊ, ढूँढते ढुँढते ऐक ऊम्ऱ गुजारी जीनको वो अगर सामने आ जाए तो पागल हो जऊ और क़य is kaddar