तेरी नफ़रत की आग से जीने की उम्मीद अब पिघल सी गयी है जो मीठी यादें थी तेरे इश्क की उन पर अब धूल जम सी गयी है तूने जो दर्द दिया है वो भुला भी दु इक पल के लिए तेरे खातिर जिस किताब मे तेरा इंतजार लिखा करते थे वो अब हो धुंधली सी गयी है ©Rohan Rajasthani #Reindeer किताब sumi. Prajwal Bhalerao Ramesh (rs) राजस्थानी.... Sethi Ji Shubham Raj Tiwari