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महफ़िल में जो आए तो  कुछ सुनाना पड़ता है; छुपाना हो

महफ़िल में जो आए 
तो  कुछ सुनाना पड़ता है;
छुपाना होता है ग़म 
मुस्कुराना पड़ता है;
बड़ा अजीब सा वक़्त है अब 
हम भी अज़ीज़ थे कभी  
उन्हें याद दिलाना पड़ता है।

©हिमांशु Kulshreshtha
  बड़ा अजीब सा है...

बड़ा अजीब सा है... #Shayari

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