मन मस्तिष्क में नवचेतना तुम जगाती हो मृत शरीर में भी जैसे तुम प्राण फुक आती हो मृगनयनी मधुशाला साथ लेकर चली आती हो चंचल चितवन मृग कस्तूरी तुम कहलाती हो वहम हो या हकीकत हो जिंदगी का जो पल में आंखो से ओझल तुम हो जाती हो। #nojoto hindi#beautiful eyes#love#erotica