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बिजली की चमक तो देखों , अब्र कि धड़क तो देख

बिजली  की  चमक  तो  देखों ,
अब्र  कि  धड़क  तो  देखो

कैसे  थर्राते  हुए  भाग  रहे  बेजुबाँ,
उनकी  बिखरी  हुई  सड़क  तो  देखो

परिंदे भी तेज परवाह कर रहे हैं
जल्दी घर जाने की उनमें ललक तो देखो
 
बच्चों की टोली भी बदरा को बुला रही हैं
रफ्ता रफ्ता बढ़ रहा उनका सनक तो देखो

देखो उस किसान को जिसकी नज़रे मेघ पे हैं
जरा उसके घर में क्या हो रही कसक तो देखो।

©Ramjaane Solanki
  #बिजली