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खामोशियो को मेरे मेरा अहम मत समझना,

खामोशियो को मेरे मेरा अहम मत समझना,                                                                                      क्या कहे अब हम तुम से,                                                                             हमे कमजोर मत समझना,                                                            बुझी हुई राखो के नीचे दबे होते है अक्सर शोले,                                                                                   खेलने की कोशिशो में जल जाओगे वरना,                                                                                                 किसी बात का खुद पर ऐसा वहम मत करना,                                                                                        जलना कोई बुरी आदत नही,                                                                                                  लेकिन दुसरो की ख़ुशी के लिए जो जल जाए ख़ुद,                                                                                                              ख़ुदा की ऐसी रहमतों को कभी कमजोर और कम मत समझना.                                                                            ✍️✍️✍️                                                        "Written:-By @ Umesh Kumar" #बुझी हुई राखो के नीचे दबे होते है अक्सर शोले
खामोशियो को मेरे मेरा अहम मत समझना,                                                                                      क्या कहे अब हम तुम से,                                                                             हमे कमजोर मत समझना,                                                            बुझी हुई राखो के नीचे दबे होते है अक्सर शोले,                                                                                   खेलने की कोशिशो में जल जाओगे वरना,                                                                                                 किसी बात का खुद पर ऐसा वहम मत करना,                                                                                        जलना कोई बुरी आदत नही,                                                                                                  लेकिन दुसरो की ख़ुशी के लिए जो जल जाए ख़ुद,                                                                                                              ख़ुदा की ऐसी रहमतों को कभी कमजोर और कम मत समझना.                                                                            ✍️✍️✍️                                                        "Written:-By @ Umesh Kumar" #बुझी हुई राखो के नीचे दबे होते है अक्सर शोले