मील का पत्थर कुछ तेजी से चलते हैँ कुछ थोड़ा रुक-रुक के चले ज़ाते हैँ पर बहुत कठिन है सड़क और मील के पत्थर का कर्तव्य रस्ता पूरा पता होता है उनको पर कोई भटके नहीं इसलिये वो वहीं बने रह ज़ाते हैँ कुछ तेजी से चलते हैँ कुछ थोड़ा रुक-रुक के चले ज़ाते हैँ हर बार मौसम बदलते हैँ ओर वो पहले ही जान जाते हैँ पर कोई मुसाफिर ना भीगे इसलिये वो खुद ही भीग के आगे का हाल बताते हैँ कुछ तेजी से चलते हैँ कुछ थोड़ा रुक-रुक के चले ज़ाते हैँ जिनको इल्म ही नहीं सफर के राज का वो समझाते नजर आयेंगे अक्सर आपको जिनको पता है रास्ते का हाल वो चुपके से निकल ज़ाते हैँ कुछ तेजी से चलते हैँ कुछ थोड़ा रुक-रुक के चले ज़ाते हैँ सफर और सफलताओं का हाल जब सुन सुन के थक जायें आप तो हमको याद करियेगा मील के पत्थर का हाल हम सुनाते हैँ कुछ तेजी से चलते हैँ कुछ थोड़ा रुक-रुक के चले ज़ाते हैँ ©शिवम मिश्र