माधव बजाकर प्रेम की बंशी, सदा राधा नचाये वो, सखा बनके सभा में द्रौपदी अस्मत बचाये वो। यशोदा के दुलारे वो, जगत के कृष्ण हैं स्वामी- सुनाकर ज्ञान गीता का, महाभारत रचाये वो।। कभी मीरा के मोहन वो, कभी राधा के माधव वो, कभी कान्हा यशोदा के, कभी अर्जुन के केशव वो। जगत स्वामी मदनमोहन, मनोहर कृष्ण गोपाला कभी साथी सुदामा के, कभी गोविन्द गौरव वो।। ©पंकज प्रियम #माधव