ये समझदारी मुझे धीरे- धीरे मार रही है मैं नदानो वाली एक शाम चाहती हु तुम चाहते होंगे पहचान इस जहाँ मे, मैं तो मौत भी अपनी गुमनाम वाली चाहती हू ©khalikitab2023 #cloud #hindi_poetry #jindagikikahani #hindi_shayari