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ख़ुद को तेरे मयार से घट कर नहीं देखा, जो छोड़ गया

ख़ुद को तेरे मयार से घट कर नहीं देखा,
जो छोड़ गया उसको पलट कर नहीं देखा .....
अब याद नहीं मुझको फ़राज़ अपना भी पैकर ,
जिस रोज़ से बिखरा हूं
सिमट कर नहीं देखा ..... !! 
अहमद फ़राज़ 🍂 #अकेलापन#शायरी
ख़ुद को तेरे मयार से घट कर नहीं देखा,
जो छोड़ गया उसको पलट कर नहीं देखा .....
अब याद नहीं मुझको फ़राज़ अपना भी पैकर ,
जिस रोज़ से बिखरा हूं
सिमट कर नहीं देखा ..... !! 
अहमद फ़राज़ 🍂 #अकेलापन#शायरी